मैं पलाश हूं

मैं पलाश हूं

मैं पलाश हूँ , सदियों से परिंदों के सुकून की तलाश हूँ, मौसमों की पहली पुकार हूँ, और अब, शायद… तुम्हारी याद में खोती जा रही एक आवाज़। में हूं एक पुराना, सीधा-सादा पेड़ — ना ज़्यादा ऊँचा, ना बहुत घना ,पर जब वसंत आता है, तो पूरा जंगल मेरी ओर देखने लगता है। मुझसे कोई...